लखनऊ के हजरतगंज का अनसुना राज

यदि आप लखनऊ आए हैं तो आपने हज़रत गंज में रॉयल कैफ़े, कपूर होटेल आदि अवश्य देखे होंगे। बेसिक्ली लगभग पूरा ही हज़रत गंज राजा महमूदा बाद की प्रॉपर्टी रहा। बीच में राजा साहिब पाकिस्तान भाग गए, उन्हें लगा कि पाकिस्तान भारत जीत लेगा और फिर वह ग़ज़बा ए हिंद में उत्तर प्रदेश के मुखिया बन जाएँगे। ज़ाहिर सी बात थी भारतीय फ़ौजों ने इन ग़द्दारों के मंसूबे नाकामयाब कर दिए। राजा साहब की दसियों हज़ार करोड़ की प्रॉपर्टी एनेमी स्टेट प्रॉपर्टी कहलाई। उस पर उस समय जो सौ डेढ़ सौ रुपया किराया था वह आज भी वसूला जाता है, सरकार द्वारा अपॉंटेड कस्टोडीयन के द्वारा। रॉयल कैफ़े आदि किराए दार हैं राजा महमूदाबाद के। राजा साहब के नाती पोते सब कोंग्रेस के नेता हो गए तो इस प्रॉपर्टी को सरकार ने ज़ब्त करने में कोई जल्दबाज़ी ना दिखलाई। बीच में सुप्रीम कोर्ट ने भी फ़ैसला दे दिया कि जो जैसा है वैसा चलता रहे।
ऐसा ही क़िस्सा करीना बानो के पति सेफ़ अली खान के नाना नानी का है।
देश का दुर्भाग्य रहा कि ऐसे लोग जो युद्ध के समय पाकिस्तान से मिल गए, देश उन पर कार्यवाही तक ना कर पाया, उनकी सम्पत्ति तक ज़ब्त ना कर पाया। वह लोग कोंग्रेस में नेता आदि भी बने रहे। विधायक सांसद बने.
२०१७ में मोदी सरकार ने संविधान संसोधन कर ऐसी सभी प्रॉपर्टी को ज़ब्त करने की राह दिखलाई। हर वह व्यक्ति जो दुश्मन देश से मिल गया, ग़द्दार घोषित हो गया, उसकी सम्पत्ति भारत सरकार का हिस्सा है।
विप्रो कम्पनी में लगभग ग्यारह सौ करोड़ हिस्सा ऐसे ही देश द्रोही ग़द्दारों का लगा हुआ था, जो युद्ध के समय पाकिस्तान से मिल गए थे। कल भारत सरकार ने यह हिस्सा बेंच दिया, यह ग्यारह सौ करोड़ रुपए देश के ख़ज़ाने में जमा हुवे। जिनसे देश को सड़कें मिलेंगी, शौचालय मिलेंगे, रोज़गार मिलेंगे। इस वक़्त देश की गद्दी पर चौकीदार बैठा है, किसी ग़द्दार को एक पैसा ना ले जाने देगा।
ज़ाहिर सी बात है जिनके ये पैसे डूबे, ऐसे देश के ग़द्दारों, दुश्मनों, उन्हें आसरा देने वाले नेताओं के पेट में दर्द होगा ही। उनमें कोई चौकीदार को चोर बोलेगा तो कोई देश द्रोह की धारा समाप्त करने की वकालत करेगा।
देश के दुश्मनों को पहचानिए। उन्हें सबक़ सिखाइए।

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